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Tuesday, November 25, 2014

सरफ़राज़ ख़ान ने किया ज़ी के मालिक सुभाष चंद्रा का स्वागत


ज़ी के मालिक सुभाष चंद्रा के साथ भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा हिसार के ज़िलाध्यक्ष सरफ़राज़ ख़ान

भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा हिसार के ज़िलाध्यक्ष सरफ़राज़ ख़ान ने धन्यवाद दौरे पर हिसार आए ज़ी के मालिक सुभाष चंद्रा का स्वागत किया. इस मौक़े पर भाजपा के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.
ग़ौरतलब है कि भारत के मीडिया टायकून सुभाष चंद्रा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. किताबों के दूर भागने वाले सुभाष चंद्रा एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन हैं. उनकी ज़िन्दगी की कहानी ज़र्रे से आफ़ताब बनने की कहानी जैसी है. उन्हें सेटेलाइट टेलीविज़न क्रांति का जनक माना जाता है. उनके ज़ी नेटवर्क के दो दर्जन से ज़्यादा चैनल चल रहे हैं. सुभाष चंद्रा बड़े-बड़े जोखिम लेना जानते हैं. कुछ सालों पहले तो उन्होंने बीसीसीआई को चुनौती देते हुए इंडियन क्रिकेट लीग तक बना ली थी.
सुभाष चंद्रा ने तालीम रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट की भी स्थापना की, वे एकल विद्यालय फाउंडेशन के चेयरमैन भी हैं, लेकिन ख़ुद सुभाष चंद्रा को कभी पढ़ाई से ज़्यादा प्यार नहीं रहा. वे किताबों से दूर भागते थे. हरियाणा के हिसार में जन्मे सुभाष चंद्रा ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी. 19 साल की उम्र में उन्होंने वेजिटेबल ऑयल की यूनिट लगाई और कारोबार शुरू किया. फिर चावल का व्यापार करने लगे. इसके बाद सुभाष चंद्रा अनाज एक्सपोर्ट के व्यवसाय में लग गए. साल 1981 में सुभाष चंद्रा एक पैकेजिंग एग्ज़िबिशन में गए तो, वहीं उन्हें एस्सेल पैकेजिंग कंपनी बनाने का ख़्याल आया और उन्होंने कंपनी बनाई भी. धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ता गया. बाद में वे ब्रॉडकास्टिंग के बिजनेस में उतर गए. 2 अक्टूबर,1992 में उन्होंने ज़ी टीवी के नाम से देश का पहला प्राइवेट सेटेलाइट चैनल शुरू किया.
इसके बाद तो चैनल पर चैनल आते गए. सुभाष चंद्रा आज अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन आज भी उनका ज़मीन से रिश्ता टूटा नहीं है. मई 1996 में चंद्रा ने मल्टीमीडिया तालीम रिसर्च फ़ाउंडेशन की स्थापना की. वह ग्लोब विपाश्ना फाउंडेशन के प्रेसिडेंट भी हैं. उन्होंने 1990 में विपाश्ना का कोर्स किया था, उसके बाद वे मानसिक शुद्धि का प्रचार भी कर रहे हैं. चंद्रा भारत में एकल विद्यालय फ़ाउंडेशन के चेयरमैन हैं, यह एक धर्मार्थ संस्थान है, जो भारत में एकल विद्यालय का संचालन करता है. इसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण और आदिवासी इलाक़े से अशिक्षा मिटाना है. वह अंतर्राष्ट्रीय फाउंडेशन सिविलाइज्ड हारमोनी के संस्थापक चेयरमैन हैं. एक आम ज़िन्दगी जीने वाले चन्द्रा आज देश के नामी अमीरों में गिने जाते हैं.

Sunday, November 9, 2014

धन्यवादी दौरा


हिसार से भाजपा विधायक डॊ. कमल गुप्ता के साथ भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा हिसार के ज़िलाध्यक्ष सरफ़राज़ ख़ान. चुनाव जीतने के बाद डॊ. कमल गुप्ता ने धन्यवादी दौरा किया.

Friday, November 7, 2014

बच्चों को दें अच्छे खिलौने


सरफ़राज़ ख़ान
जब बच्चों का जन्मदिन आता है तो घर आंगन अनजानी खुशियों से महक जाता है। मां-बाप से लेकर, हर दोस्त और पड़ोंसी बच्चों केजन्म दिन पर उसे उपहार देना कभी नहीं भूलते हैं। पूरे शहर केबाजार छान मारने के बाद सबसे अच्छा खिलौना हाथ आता है वो खिलौना बंदूक या पिस्तौल सिवाय क्या हो सकता है। जब बच्चा दूसरे दिन अपने सारे उपहार खोल कर देखता है तो उनमें से ज्यादा में बंदूक व पिस्तौल के खिलौने निकलते हैं। यहां तक दिवाली केदिन पटाखे फोडने की पिस्तौल व बारूद की डाटों वाली बंदूक की बाजार में भरमार होती है और होली केदिन जितनी तरह के रंग मिलते हैं उससे कहीं ज्यादा अलग-अलग वैरायटी की पिस्तौलें और बंदूकें एक से एक भिन्न मिलती हैं। बाजार में चारों तरफ दुकानों पर लटकी देखी जा सकती हैं। क्या हम अपने बच्चों को अनजाने में उन्हें गुनाह की ओर नहीं धकेल रहे। बच्चों के जन्मदिन के मौके पर क्या हम जाने-अनजाने उनके नन्हें हाथों में हथियार तो नहीं थमा रहे। बच्चों को हम उग्रवाद की तरफ तो नहीं धकेल रहे।

हमें ध्यान में रखना चाहिए कि अपने बच्चों को अच्छी चींजें दें। बच्चे बहुत जल्दी अपने दिमाग में, जो अच्छा, बुरा घटता है उसे सही समझते हैं और ऐसा अपनी जिंदगी में करते हैं, जैसे चोर, पुलिस के खेल खेलते समय वो अपने हाथ में खिलौना पिस्तौल चोर पर ताने रखते हैं और चोर के पीछे भागते हैं। एकबच्चे ने तो चिड़ियां मारने वाली छर्रे वाली,बंदूक से अपने दोस्त की टांग पर खेल-खेल में गोली चला दी। ये तो शुक्र है कि गोली उसके सिर या सीने पर नहीं लगी, लेकिन बच्चों के बाप ने उसका हर्जाना भरा और किसी तरह केस रफा-दफा किया। लड़के की टांग कुछ महीने के बाद ठीक हुई।

अपने बच्चे के नन्हे हाथों में खिलौने के रूप में बर्बादी मत दीजिए। अपने बच्चे को अच्छा भविष्य दें। उन्हें अच्छी बातें सिखाएं। जहां बच्चों की जिंदगी का सवाल हो वहां आप अपने बच्चों को अच्छे तरीके से समझा दें। बचपन ही होता है जहां बच्चे अपने मन की बातें जल्दी से मां-बाप से करते हैं और करना चाहते हैं। मां-बाप अपने बच्चों को जहां मां-बाप की जरूरत है वहां मां-बाप बनके समझाएं और जहां दोस्तों की जरूरत है, वहां दोस्त बनकर रिश्तों को निभाएं। आपके बच्चे किन बच्चों के साथ खेलते और खाते-पीते हैं उनका पता लगाना आवश्यक है। अपने बच्चो के हितैषी बनकर रहें। बच्चे के व्यक्तित्व को सवारें और अच्छी शिक्षा दें। उनके सामने लड़ाई-झगड़े न करें और बच्चों को भी इनसे दूर रखें।

Wednesday, October 29, 2014

हरियाणा सरकार के मंत्रियों के नाम और उनके विभाग


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार देर रात नई सरकार के विभागों का बंटवारा कर दिया. सीएम ने गृह, ऊर्जा समेत कई अहम विभाग अपने पास रखे हैं. कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को वित्त जबकि रामविलास शर्मा को परिवहन और शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक सीएम गृह, ऊर्जा, शहर और ग्राम नियोजन, शहरी संपदा, विज्ञान और तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना और जन संपर्क तथा संस्कृति मंत्रालय समेत अधिकतर विभाग अपने पास रखेंगे. कैप्टन अभिमन्यु को वित्त, राजस्व और आपदा प्रबंधन, वन और पर्यावरण के साथ उद्योग और वाणिज्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. शर्मा को शिक्षा, परिवहन, तकनीकी शिक्षा, खाद्य और आपूर्ति, पर्यटन, नागरिक उड्डयन, संसदीय कार्य जैसे विभाग सौंपे गए हैं. खट्टर ने बीते रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जिसके बाद मंगलवार रात विभागों का बंटवारा किया गया. ओ पी धनखड़ राज्य के नए कृषि और सिंचाई मंत्री होंगे वहीं पांचवी बार विधायक बने अनिल विज स्वास्थ्य, खेल और युवा मामलों के विभागों का कामकाज देखेंगे. राव नरबीर सिंह को पीडब्ल्यूडी और सार्वजनिक स्वास्थ्य आभियांत्रिकी मंत्री बनाया गया है. खट्टर सरकार की एक मात्र महिला मंत्री कविता जैन को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की कमान सौंपी गई है. वह अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का प्रभार भी संभालेंगी. राज्यमंत्रियों में विक्रम सिंह ठेकेदार को सहकारिता विभाग और कृष्ण कुमार बेदी को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का काम सौंपा गया है. करण देव कंबोज को रामविलास शर्मा के साथ खाद्य और आपूर्ति विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है.

भारत सरकार के मंत्रियों के नाम और उनके विभाग


भारत सरकार के मंत्रियों के नाम और उनके विभाग
कैबिनेट मंत्री:
राजनाथ सिंह : गृह मंत्रालय
सुषमा स्वराज : विदेश मंत्रालय, प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय
अरुण जेटली : वित्त, कॉरपोरेट मामला, रक्षा मंत्रालय
एम वेंकैया नायडू : शहरी विकास, आवास व शहरी गरीबी उन्मूलन, संसदीय कार्य मंत्रालय
नितिन गडकरी : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी
डीवी सदानंद गौड़ा : रेलवे
उमा भारती : जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन
नजमा ए हेपुल्ला : अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
गोपीनाथ राव मुंडे : ग्रामीण विकास, पंजायती राज, पेयजल व स्वच्छता
रामविलास पासवान : उपभोक्ता मामला, खाद्य व सार्वजनिक वितरण
कलराज मिश्र : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम
मेनका गांधी : महिला व बाल विकास विभाग
अनंत कुमार : रासायनिक व उवर्रक
रविशंकर प्रसाद : संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, कानून व न्याय
अशोक गजपति राजू पसुपति : नागरिक उड्डयन
अनंत गीते : भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम
हरसिमरत कौर बादल : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
नरेंद्र सिंह तोमर : खनन, इस्पात, श्रम एवं रोजगार
जुआल ओरांव : जनजातीय मामला
राधा मोहन सिंह : कृषि
थवर चंद गहलोत : सामाजिक न्याय व अधिकारिता
स्मृति ईरानी : मानव संसाधन विकास
हर्षवर्धन : स्वास्थ्य व परिवार कल्याण
राज्य मंत्री:
जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह : पूर्वोत्तर क्षेत्रों का विकास (स्वतंत्र प्रभार), विदेश मंत्रालय, प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय
इंद्रजीत सिंह राव : नियोजन (स्वतंत्र प्रभार), सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन (स्वतंत्र प्रभार), रक्षा
संतोष कुमार गंगवार : कपड़ा (स्वतंत्र प्रभार ) संसदीय कार्य मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन
श्रीपद येसो नाइक : संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पयर्टन (स्वतंत्र प्रभार)
धर्मेद्र प्रधान : पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस (स्वतंत्र प्रभार)
सर्बनंद सोनोवाल : कौशल विकास, उद्यमशीलता, युवा मामले व खेल (स्वतंत्र प्रभार)
प्रकाश जावड़ेकर : सूचना व प्रसारण (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार), संसदीय मामला
पियूष गोयल : विद्युत (स्वतंत्र प्रभार), कोयला (स्वतंत्र प्रभार), नवीन व नवीनीकृत ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार)
जितेंद्र सिंह : विज्ञान व प्रौद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), भू विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, आण्विक ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग
निर्मला सीतारमन : वाणिज्य व उद्योग (स्वतंत्र प्रभार), वित्त, कॉरपोरेट मामला
जीएम सिद्देश्वरा : नागरिक उड्डयन
मनोज सिन्हा : रेलवे
निहालचंद : रासायनिक व ऊवर्रक
उपेंद्र कुशवाहा : ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता
पी राधाकृष्णन : भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम
किरन रिज्जु : गृह मंत्रालय
कृष्ण पाल : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी
संजीव कुमार बलयान : कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
मनसुखभाई धंजीभाई वासवा : जनजातीय मामला
रावसाहेब दादराव दान्वे : उपभोक्ता मामला, खाद्य व सार्वजनिक वितरण
विष्णु देव साईं : खनन, इस्पात, श्रम व रोजगार
सुदर्शन भगत : सामाजिक न्याय व अधिकारिता

Friday, October 10, 2014

भाजपा का चुनाव अभियान


हिसार विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी डॊ. कमल गुप्ता के साथ भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा हिसार के ज़िलाध्यक्ष सरफ़राज़ ख़ान. भाजपा का चुनाव प्रचार अभियान चल रहा है.

Wednesday, January 1, 2014

दुनियाभर में मनाए जाते हैं कई नववर्ष

सरफ़राज़ ख़ान
विभिन्न संस्कृतियों के देश भारत में एक नहीं दो नहीं, बल्कि अनेक नववर्ष मनाए जाते हैं. यहां के अलग-अलग समुदायों के अपने-अपने नववर्ष हैं. अंग्रेजी कैलेंडर का नववर्ष एक जनवरी को शुरू होता है. इस दिन ईसा मसीह का नामकरण हुआ था. दुनियाभर में इसे धूमधाम से मनाया जाता है.
मोहर्रम महीने की पहली तारीख को मुसलमानों का नया साल हिजरी शुरू होता है. मुस्लिम देशों में इसका उत्साह देखने को मिलता है. इस्लामी या हिजरी कैलेंडर, एक चंद्र कैलेंडर है, जो सिर्फ मुस्लिम देशों में इस्तेमाल होता है, बल्कि दुनियाभर के मुसलमान भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं. यह चंद्र-कैलेंडर है, जिसमें एक वर्ष में बारह महीने, और 354 या 355 दिन होते हैं, क्योंकि यह सौर कैलेंडर से 11 दिन छोटा है इसलिए इस्लामी तारीखें, जो कि इस कैलेंडर के अनुसार स्थिर तिथियों पर होतीं हैं, लेकिन हर वर्ष पिछले सौर कैलेंडर से 11 दिन पीछे हो जाती हैं. इसे हिजरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसका पहला साल वह वर्ष है जिसमें हज़रत मुहम्मद की मक्का शहर से मदीना की ओर हिज्ऱ या वापसी हुई थी. हिंदुओं का नववर्ष नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में पहले नवरात्र से शुरू होता है. इस दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी. जैन नववर्ष दीपावली से अगले दिन होता है. भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन यह शुरू होता है. इसे वीर निर्वाण संवत कहते हैं. बहाई धर्म में नया वर्षनवरोजहर वर्ष 21 मार्च को शुरू होता है. बहाई समुदाय के ज्यादातर लोग नव वर्ष के आगमन पर 2 से 20 मार्च अर्थात् एक महीने तक व्रत रखते हैं. गुजराती 9 नवंबर को नववर्षबस्तु वरसमनाते हैं. अलग-अलग नववर्षों की तरह अंग्रेजी नववर्ष के 12 महीनों के नामकरण भी बेहद दिलचस्प है. 
जनवरी : रोमन देवता 'जेनस' के नाम पर वर्ष के पहले महीने जनवरी का नामकरण हुआ. मान्यता है कि जेनस के दो चेहरे हैं. एक से वह आगे और दूसरे से पीछे देखता है. इसी तरह जनवरी के भी दो चेहरे हैं. एक से वह बीते हुए वर्ष को देखता है और दूसरे से अगले वर्ष को. जेनस को लैटिन में जैनअरिस कहा गया. जेनस जो बाद में जेनुअरी बना जो हिन्दी में जनवरी हो गया.
फरवरी : इस महीने का संबंध लैटिन के फैबरा से है. इसका अर्थ है 'शुद्धि की दावत' . पहले इसी माह में 15 तारीख को लोग शुद्धि की दावत दिया करते थे. कुछ लोग फरवरी नाम का संबंध रोम की एक देवी फेबरुएरिया से भी मानते हैं. जो संतानोत्पत्ति की देवी मानी गई है इसलिए महिलाएं इस महीने इस देवी की पूजा करती थीं.
मार्च : रोमन देवता 'मार्स' के नाम पर मार्च महीने का नामकरण हुआ. रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता था. मार्स मार्टिअस का अपभ्रंश है जो आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. सर्दियों का मौसम खत्म होने पर लोग शत्रु देश पर आक्रमण करते थे इसलिए इस महीने को मार्च रखा गया.
अप्रैल : इस महीने की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'एस्पेरायर' से हुई. इसका अर्थ है खुलना. रोम में इसी माह बसंत का आगमन होता था इसलिए शुरू में इस महीने का नाम एप्रिलिस रखा गया. इसके बाद वर्ष के केवल दस माह होने के कारण यह बसंत से काफी दूर होता चला गया. वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सही भ्रमण की जानकारी से दुनिया को अवगत कराया तब वर्ष में दो महीने और जोड़कर एप्रिलिस का नाम पुनः सार्थक किया गया.
मई : रोमन देवता मरकरी की माता 'मइया' के नाम पर मई नामकरण हुआ. मई का तात्पर्य 'बड़े-बुजुर्ग रईस' हैं. मई नाम की उत्पत्ति लैटिन के मेजोरेस से भी मानी जाती है.
जून : इस महीने लोग शादी करके घर बसाते थे. इसलिए परिवार के लिए उपयोग होने वाले लैटिन शब्द जेन्स के आधार पर जून का नामकरण हुआ. एक अन्य मान्यता के मुताबिक रोम में सबसे बड़े देवता जीयस की पत्नी जूनो के नाम पर जून का नामकरण हुआ.
जुलाई : राजा जूलियस सीजर का जन्म एवं मृत्यु दोनों जुलाई में हुई. इसलिए इस महीने का नाम जुलाई कर दिया गया.
अगस्त : जूलियस सीजर के भतीजे आगस्टस सीजर ने अपने नाम को अमर बनाने के लिए सेक्सटिलिस का नाम बदलकर अगस्टस कर दिया जो बाद में केवल अगस्त रह गया.
सितंबर : रोम में सितंबर सैप्टेंबर कहा जाता था. सेप्टैंबर में सेप्टै लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है सात और बर का अर्थ है वां यानी सेप्टैंबर का अर्थ सातवां, लेकिन बाद में यह नौवां महीना बन गया.
अक्टूबर : इसे लैटिन 'आक्ट' (आठ) के आधार पर अक्टूबर या आठवां कहते थे, लेकिन दसवां महीना होने पर भी इसका नाम अक्टूबर ही चलता रहा.
नवंबर : नवंबर को लैटिन में पहले 'नोवेम्बर' यानी नौवां कहा गया. ग्यारहवां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला एवं इसे नोवेम्बर से नवंबर कहा जाने लगा.
दिसंबर : इसी प्रकार लैटिन डेसेम के आधार पर दिसंबर महीने को डेसेंबर कहा गया. वर्ष का बारहवां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला. (स्टार न्यूज़ एजेंसी)