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Friday, November 7, 2014

बच्चों को दें अच्छे खिलौने


सरफ़राज़ ख़ान
जब बच्चों का जन्मदिन आता है तो घर आंगन अनजानी खुशियों से महक जाता है। मां-बाप से लेकर, हर दोस्त और पड़ोंसी बच्चों केजन्म दिन पर उसे उपहार देना कभी नहीं भूलते हैं। पूरे शहर केबाजार छान मारने के बाद सबसे अच्छा खिलौना हाथ आता है वो खिलौना बंदूक या पिस्तौल सिवाय क्या हो सकता है। जब बच्चा दूसरे दिन अपने सारे उपहार खोल कर देखता है तो उनमें से ज्यादा में बंदूक व पिस्तौल के खिलौने निकलते हैं। यहां तक दिवाली केदिन पटाखे फोडने की पिस्तौल व बारूद की डाटों वाली बंदूक की बाजार में भरमार होती है और होली केदिन जितनी तरह के रंग मिलते हैं उससे कहीं ज्यादा अलग-अलग वैरायटी की पिस्तौलें और बंदूकें एक से एक भिन्न मिलती हैं। बाजार में चारों तरफ दुकानों पर लटकी देखी जा सकती हैं। क्या हम अपने बच्चों को अनजाने में उन्हें गुनाह की ओर नहीं धकेल रहे। बच्चों के जन्मदिन के मौके पर क्या हम जाने-अनजाने उनके नन्हें हाथों में हथियार तो नहीं थमा रहे। बच्चों को हम उग्रवाद की तरफ तो नहीं धकेल रहे।

हमें ध्यान में रखना चाहिए कि अपने बच्चों को अच्छी चींजें दें। बच्चे बहुत जल्दी अपने दिमाग में, जो अच्छा, बुरा घटता है उसे सही समझते हैं और ऐसा अपनी जिंदगी में करते हैं, जैसे चोर, पुलिस के खेल खेलते समय वो अपने हाथ में खिलौना पिस्तौल चोर पर ताने रखते हैं और चोर के पीछे भागते हैं। एकबच्चे ने तो चिड़ियां मारने वाली छर्रे वाली,बंदूक से अपने दोस्त की टांग पर खेल-खेल में गोली चला दी। ये तो शुक्र है कि गोली उसके सिर या सीने पर नहीं लगी, लेकिन बच्चों के बाप ने उसका हर्जाना भरा और किसी तरह केस रफा-दफा किया। लड़के की टांग कुछ महीने के बाद ठीक हुई।

अपने बच्चे के नन्हे हाथों में खिलौने के रूप में बर्बादी मत दीजिए। अपने बच्चे को अच्छा भविष्य दें। उन्हें अच्छी बातें सिखाएं। जहां बच्चों की जिंदगी का सवाल हो वहां आप अपने बच्चों को अच्छे तरीके से समझा दें। बचपन ही होता है जहां बच्चे अपने मन की बातें जल्दी से मां-बाप से करते हैं और करना चाहते हैं। मां-बाप अपने बच्चों को जहां मां-बाप की जरूरत है वहां मां-बाप बनके समझाएं और जहां दोस्तों की जरूरत है, वहां दोस्त बनकर रिश्तों को निभाएं। आपके बच्चे किन बच्चों के साथ खेलते और खाते-पीते हैं उनका पता लगाना आवश्यक है। अपने बच्चो के हितैषी बनकर रहें। बच्चे के व्यक्तित्व को सवारें और अच्छी शिक्षा दें। उनके सामने लड़ाई-झगड़े न करें और बच्चों को भी इनसे दूर रखें।

2 comments:

  1. दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामना....

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  2. बहुत अच्छा लेख है...मुबारकबाद...

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