फ़िरदौस ख़ान जी का लेख चोरी हो गया है. चोरी का यह लेख मेरी खबर. कॉम पर किसी चंदन भाटी के नाम से बाड़मेर से प्रकाशित किया गया है.
मेरी खबर. कॉम इस तरह के घृणित कार्य से देश और समाज को क्या संदेश देना चाहता है, समझ से परे है. इस घृणित कृत्य (चोरी) की जितनी निंदा की जाए कम है.
हमें ऐसी चोरियों के खिलाफ एकजुट होना होगा, वरना उनका दुस्साहस बढ़ता जाएगा.
आपका क्या कहना है?
हमें ऐसी चोरियों के खिलाफ एकजुट होना होगा, वरना उनका दुस्साहस बढ़ता जाएगा.
आपका क्या कहना है?