सरफ़राज़ ख़ान
बैंको से पैसा निकालने के लिए एटीएम मशीनों का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है. देश में फ़िलहाल क़रीब एक करोड़ 40 लाख एटीएम हैं और इनकी तादाद लगातार बढ़ रही है. एटीएम की संख्या बढ़ने के साथ इनकी सुरक्षा और इनसे जुड़े अपराध और धोखाधड़ी भी बढ़ रही है. इसलिए एटीएम का इस्तेमाल करते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए.
भारत में एटीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस बारे में गाइडलाइंस बनाने की ज़िम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की है. एनपीसीआई के आपदा प्रबंधन प्रमुख भरत पंचाल के मुताबिक़ कुछ एटीएम ऐसी सार्वजनिक जगहों पर होते हैं, जहां सुरक्षा की ख़ास ज़रूरत नहीं होती, लेकिन कुछ स्थानों पर यह बहुत ज़रूरत होती है. यह बैंकों पर है कि वे किस एटीएम को सुरक्षा के लिहाज़ से कितना संवेदनशील मानते हैं. एनपीसीआई ने कुछ वक़्त पहले एटीएम की सुरक्षा पर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के साथ मिलकर गाइडलाइंस तैयार की थीं, जिसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारतीय बैंक एसोसिएशन मंज़ूरी दे चुके हैं.
एटीएम सुरक्षा के लिए तय गाइडलाइंस
-हर एटीएम पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों, जहां से 24 घंटे रिकॊर्डिग हो. इस रिकॊर्डिग को कम से कम एक महीने और अधिकतम तीन महीने तक रखने की व्यवस्था हो, ताकि एटीएम में आने वालों को चिह्नित किया जा सके.
-हर एटीएम पर रियर व्यू मिरर लगा हो, ताकि उसके ज़रिये ग्राहक यह जान सकें कि कोई उसके पीछे खड़ा होकर उसके पिन तो नहीं देख रहा.
-हर एटीएम में एंटी स्कैमिंग डिवाइस लगी हो, ताकि आपके पिन को रिकॉर्ड कर उसका दुरुपयोग न किया जा सके.
-एटीएम मशीनों में कार्ड डेटा प्रोटेक्शन की व्यवस्था हो, ताकि ग्राहकों के डेटा के ग़लत इस्तेमाल रोका जा सके और डेटा का बचाव किया जा सके.
उपभोक्ताओं को एटीएम का इस्तेमाल करते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे भीड़भाड़ वाले इलाक़ों की एटीएम मशीन से ही पैसे निकालने चाहिए. भीड़भाड़ से दूर या किसी पेड़ या मकान की छाया, किसी अंधेरी जगह या ऐसी जगह जहां लोगों की ज़्यादातर नज़र नहीं पड़ती, लोग जाते नहीं, ऐसी जगहों पर बने एटीएम मशीन का उपयोग न करें. ऐसी जगह अक्सर मशीनों से छेड़छाड़ किए जाने की गुंजाइश रहती है, क्योंकि यहां आने-जाने वाले लोगों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते और चोरों को इससे छेड़छाड़ करने का मौक़ा मिल सकता है. एटीएम मशीन के कीबोर्ड के ऊपर कैमरा हो सकता है, इस लिए एटीएम मशीन को उपयोग करने से पहले सरसरी निगाह से परीक्षण कर लें कि कहीं मशीन इस्तेमाल करते समय आपके पासवर्ड को रिकॉर्ड करने के लिए कीबोर्ड के ऊपर कैमरे तो नहीं लगे. कार्ड स्वैप करने या डालने से पहले ध्यान दें, क्योंकि कई बार हैकर एटीएम सी जुडी जानकारियां कॉपी करने के लिए मशीन के ऊपर या उसके आसपास कुछ डिवाइस लगा देते हैं. कार्ड स्लॉट (कार्ड डालने के लिए बनी जगह) के साथ लगी कोई भी चीज, मशीन पर कोई चिपचिपा पदार्थ और कीपैड दबाते समय किसी तरह की मज़बूत रुकावट एटीएम मशीन के साथ की गई छेड़छाड़ के लक्षण हैं. ऐसी हालत में तुरंत बैंक अथॉरिटी को सूचित करना चाहिए और ऐसे एटीएम बूथ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जहां तक हो सके बैंक के परिसर में स्थित एटीएम मशीनों का इस्तेमाल करें, क्योंकि बैंक परिसर में लगे एटीएम से छेड़छाड़ की गुंजाइश कम होती है. याद रखें, आपकी सुरक्षा अपने हाथ है. (स्टार न्यूज़ एजेंसी)
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