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Thursday, April 23, 2015

रसोई गैस कनेक्शन पर होता है उपभोक्ता का बीमा



सरफ़राज़ ख़ान
बहुत कम लोग जानते हैं कि रसोई गैस कनेक्शन पर उपभोक्ता का बीमा होता है. वह भी दस लाख रुपये का.
दुर्घटना होने पर पीड़ि या उसके आश्रितों को दस लाख रुपये तक का रिस्क कवर मिलता है. अगर आपके नाम रसोई गैस कनेक्शन है, तो आपका बीमा, आपकी गैस कंपनी ने करा रखा है. यह बात अलग है कि समुचित प्रचार-प्रसार के अभाव में इस बीमा की जानकारी बहुत कम लोगों को है. इसकी वजह से गैस सिलेंडर से हादसा होने पर पीड़ितों को बीमे का लाभ मिल पाता है, क्योंकि गैस कंपनियां इस तरफ़ कोई ध्यान नहीं देती हैं. नियमों की मानें, तो गैस सिलेंडर में किसी कमी से हुए हादसे पर सिर्फ़ क्लेम की राशि मिलती है, बल्कि घायल व्यक्ति के इलाज का र्च भी संबंधित कंपनी उठाती है, लेकिन उपभोक्ता अपने इस लाभ के प्रति जागरूक नहीं होने से क्लेम से वंचित रह जाते हैं.
इस बीमे का लाभ लेने की भी शर्तें हैं, जैसे बीमे का लाभ पाने के लिए रसोई में सभी सुरक्षा इंतज़ाम होने चाहिए, जिससे वह क्लेम की कसौटी पर खरे उतर सकें. गैस सिलेंडर से दुर्घटना होने पर 24 घंटे में संबंधित एजेंसी और थाने को सूचना देनी होगी. दुर्घटना में मौत होने पर रूरी दस्तावे संबंधित एजेंसी को उपलब्ध कराने होंगे. एजेंसी अपने क्षेत्रीय कार्यालय को सूचना देती है. क्षेत्रीय कार्यालय संबंधित बीमा कंपनी को मामला सौंप देता है. बीमा एजेंसी जांच कराने के बाद उपभोक्ता को बीमा की क्लेम राशि देती है. इसके अलावा क्लेम के लिए कनेक्शन वैध होना चाहिए, एजेंसी से मिले पाइप का प्रयोग हो, आईएसआई एप्रूव्ड चूल्हा हो, गैस उपयोग का स्थान संकुचित हो, यहां बिजली के तार खुले हों और गैस इस्तेमाल में लापरवाही बरती गई हो.
रसोई गैस का कनेक्शन लेने पर कंपनी से मिलने वाले उपकरण भी बीमे के दायरे में आते हैं. गैस सिलेंडर, रेगुलेटर, चूल्हा आदि का बीमा होता है. हादसे में इन उपकरणों के राब होने पर कंपनी को इसका भी क्लेम देना पड़ता है. अधिकारी मानते हैं कि बीमे का प्रावधान तो है, लेकिन उसकी समुचित पालना पर ही क्लेम मिलता है. (स्टार न्यूज़ एजेंसी)


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